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Showing posts from February, 2021

बन कर फ़कीर, हर पल ढूँढता रहता हूँ | Two Line Shayari | Alondesk

 बन कर फ़कीर, हर पल ढूँढता रहता हूँ, न जाने कहाँ छुपे हो, मेरे ख़ुदा बनकर | Ban kar fakir, har pal dhundhata rahata hun, na jaane kahan chhupe ho, mere khuda bankar. - Ambika "Rahee"

Mere liye ye ehsas bahut naya sa hai | मेरे लिए ये एहसास बहुत नया सा है | Love Shayari | Alondesk

मेरे लिए ये एहसास बहुत नया सा है, मुझे मिले हो जैसे मिला, ख़ुदा सा है, आंखें करती है आपसे इजहारे मुहब्बत , हर शब्द मुस्कराहट में छुपा सा है | - अम्बिका "राही" Mere liye ye ehsas bahut naya sa hai, Mujhe mile ho jaise mila, khuda sa hai, Ankhen karti hai apse ejhare muhabbat, Har shabd muskurahat mein chhupa sa hai. - Ambika "Rahee"

तुझे आता है हुनर, नीदें चुराने का | Two line Shayari | Alondesk

  तुझे आता है हुनर, नीदें चुराने का, जगाकर रातों में, मुहब्बत जताने का | - अम्बिका राही 

ख़ुदा तेरे फ़रिश्ते को कैसे, समझाऊं मैं | Two Line Shayari | Ambika Rahee

  ख़ुदा   तेरे   फ़रिश्ते   को   कैसे ,  समझाऊं    मैं ,   तू   सवेरा   कर ,  बर्फ़   जैसे   पिघल   जाऊं   मैं  |      Khuda  tere   Farishtey  ko  kaise ,  samjaun  main,   Tu  savera   kar , barf  jaise   pighal   jaun  main.   Two Line Shayari | Ambika Rahee

आप को यूँही तो नहीं, चाहता हूँ मैं | Love Shayari

  आप को यूँही तो नहीं, चाहता हूँ मैं, दिल से पूंछो, जिंदगी मानता हूँ मैं, एक नजर देख लूँ, दिन भर तरसता हूँ, साँस बन कर आते हो, ख़ुदा मानता हूँ मैं, नहीं कह पाता कुछ भी, आपके सामने, क़रीब आपके, मन शून्य पाता हूँ मैं, अब के आलम, कुछ ऐसा हो रहा है राही !, तूफानों के बीच, पतवार मानता हूँ मैं, लगा लो गले, के ठहर जाऊँ बाँहों में, जिंदगी की आखिरी, तलाश मानता हूँ मैं | - अम्बिका राही