आप को यूँही तो नहीं, चाहता हूँ मैं,
दिल से पूंछो, जिंदगी मानता हूँ मैं,
एक नजर देख लूँ, दिन भर तरसता हूँ,
साँस बन कर आते हो, ख़ुदा मानता हूँ मैं,
नहीं कह पाता कुछ भी, आपके सामने,
क़रीब आपके, मन शून्य पाता हूँ मैं,
अब के आलम, कुछ ऐसा हो रहा है राही !,
तूफानों के बीच, पतवार मानता हूँ मैं,
लगा लो गले, के ठहर जाऊँ बाँहों में,
जिंदगी की आखिरी, तलाश मानता हूँ मैं |
- अम्बिका राही
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