वो इश्क़ कमाल था तेरा, जो भुला नहीं पाया | Two Line Shayari | Ambika Rahee

वो इश्क़ कमाल था तेरा, जो भुला नहीं पाया,
आये कई, खंडहर सजाने का दिलाशा देकर |

- अम्बिका राही



 

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